Monday, May 20th, 2024

बिहार की राजनीति में फिर शाहनवाज की इंट्री 

पटना 
बिहार में भाजपा ने शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद का उम्मीदवार बना सीमांचल में अपनी पैठ बनाने के लिए मुस्लिम कार्ड खेला है। गत बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने अपनी पार्टी के 24 उम्मीदवार दिए थे, जिनमें पांच जीते। बाकी सीटों पर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया था। इस तरह ओवैसी ने उस क्षेत्र में पैठ बना ली है।

महागठबंधन की जड़ें ओवैसी ने खोदी और अब भाजपा ने इसका लाभ लेने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। शाहनवाज हुसैन न सिर्फ सियासत के जाने-माने चेहरा हैं, बल्कि सीमांचल से ही उनका राजनीति में उदय हुआ है। किशनगंज से सीमांचल के जाने माने नेता तसलीमुद्दीन को हराकर पहली बार सांसद बने। इसके बाद भागलपुर से दो बार सांसद रहे। इनके बहाने भाजपा सीमांचल में अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद भेजने का फैसला कर पार्टी ने अल्पसंख्यक कार्ड खेला है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा ने भले ही किसी मुसलमान को टिकट नहीं दिया, पर शाहनवाज को आगे कर पार्टी ने अल्पसंख्यक समुदाय को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। भाजपा के रणनीतिकारों की मानें तो शाहनवाज सीमांचल में पार्टी की सियासत के लिए अहम साबित हो सकते हैं।  विस चुनाव के बाद ही भाजपा में किसी अल्पसंख्यक चेहरे को आगे करने की रणनीति पर मंथन चल रहा था। पहले पार्टी ने राज्यस्तरीय नेता को ही आगे लाने की योजना बनाई पर कोई ऐसा चेहरा नहीं दिखा जो ओवैसी फैक्टर को मात देने के साथ ही भाजपा के लिए असरदार साबित हो। तब रणनीतिकारों ने राष्ट्रीयस्तर पर बेबाकी से हर मंच पर भाजपा का मजबूती से पक्ष रखने वाले शाहनवाज को विधान परिषद में भेजकर अल्पसंख्यक कार्ड खेला। 

Source : Agency

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